‘सारे घुसपैठियों को मुस्लिम देशों में बांट दो’, RSS नेता इंद्रेश कुमार बोले- हमारे त्योहारों मे

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में शनिवार को अखिल भारतीय मुस्लिम महासम्मेलन का आयोजन हुआ. कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेता और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) प्रमुख इंद्रेश कुमार ने कहा कि त्योहारों पर दंगा नहीं, बल्कि भाईचारे का माहौल होना चाहिए. उन्होंने आतंकवाद को ‘शुद्ध शैतानियत’ बताते हुए साफ किया कि इसका कोई धर्म, जाति या रंग नहीं है. साथ ही उन्होंने देश में रोहिंग्या और अन्य घुसपैठियों की बढ़ती समस्या पर गंभीर चिंता जताई.

इंद्रेश कुमार ने पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की गारंटी की मांग की और अत्याचार रोकने की बात कही. उन्होंने कहा कि भारत में मौजूद सभी घुसपैठियों को मुस्लिम देशों में बांट दिया जाए तो समस्या का हल निकल सकता है. बिहार जैसे राज्यों में रोहिंग्या सहित अवैध घुसपैठियों की मौजूदगी पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि यह भारतीय मुसलमानों की रोजगार और संसाधनों की सुरक्षा के लिए खतरा है.

इंद्रेश कुमार ने एकता और सुधार का किया आह्वान
इंद्रेश कुमार ने देश को नशामुक्त और आतंकवादमुक्त बनाने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘हम थे, हम हैं और हम हमेशा हिंदुस्तानी रहेंगे. हमारी पहचान पर कोई सवाल नहीं उठा सकता.’ उन्होंने भारतीय मुसलमानों से सक्रिय होकर राष्ट्र निर्माण में भाग लेने और आतंकवाद, नशाखोरी व अवैध घुसपैठ के खिलाफ खड़े होने की अपील की.

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की उपलब्धियां
इंद्रेश कुमार ने कहा कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने तीन तलाक के खात्मे में अहम भूमिका निभाई, जिससे मुस्लिम महिलाओं को राहत मिली. मंच ने राम मंदिर निर्माण, अनुच्छेद 370 और 35A हटाने और आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी योगदान दिया है.

सम्मेलन में शामिल हुए दिग्गज
महासम्मेलन में देशभर से आए हजारों प्रतिनिधियों के अलावा कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. इनमें संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के चेयरमैन और सांसद जगदंबिका पाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया, ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के मौलाना उमेर इलियासी, अजमेर शरीफ दरगाह के चेयरमैन ख्वाजा नसरुद्दीन, एनसीएमईआई कार्यवाहक चेयरमैन शाहिद अख्तर, बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच महिला प्रकोष्ठ की संयोजक शालिनी अली शामिल थीं. सम्मेलन में यह संकल्प लिया गया कि आने वाले वर्षों में शिक्षा, रोजगार, महिला सशक्तिकरण और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के प्रयास तेज किए जाएंगे. 



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