नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट लड़ाई पर दिया जोर दिया. इसके साथ ही उन्होंने आतंकवाद को वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती करार दिया. पीएम मोदी के आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ) सम्मेलन में भागीदारी पर विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री और आसियान नेताओं ने मिलकर आसियान-भारत संबंधों की प्रगति की समीक्षा की. इस दौरान पीएम मोदी ने तीमोर-लेस्ते को आसियान के 11वें सदस्य देश बनने पर बधाई भी दी.”
मंत्रालय ने आगे कहा, “प्रधानमंत्री ने आसियान की एकता, केंद्रीयता और इंडो-पैसिफिक पर आसियान दृष्टिकोण के प्रति भारत के समर्थन को दोहराया. उन्होंने आसियान-भारत मुक्त व्यापार समझौते की शीघ्र समीक्षा पर जोर दिया. आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी 2026-2030 के कार्यान्वयन के लिए आसियान-भारत कार्य योजना के समर्थन के विस्तार पर भी जोर दिया.”
पीएम मोदी ने वर्ष 2026 को ‘आसियान-भारत समुद्री सहयोग वर्ष’ (Year of Maritime Cooperation) के रूप में मनाने की घोषणा, ताकि ब्लू इकॉनमी (Blue Economy) में साझेदारी को बढ़ाया जा सके. उन्होंने दूसरी आसियान-भारत रक्षा मंत्रियों की बैठक और दूसरा आसियान-भारत समुद्री अभ्यास (Maritime Exercise) आयोजित करने का प्रस्ताव दिया, ताकि समुद्री सुरक्षा वातावरण को सुदृढ़ किया जा सके.
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत-आसियान व्यापक रणनीतिक साझेदारी वैश्विक स्थिरता और वृद्धि के लिए एक शक्तिशाली आधार के रूप में उभर रही है. पीएम मोदी ने भारत-आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये संबोधित करते हुए कहा कि यह समूह नयी दिल्ली की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का एक प्रमुख स्तंभ है.
उन्होंने कहा, ”भारत ने हमेशा ‘आसियान केंद्रीयता’ और हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर आसियान के नजरिये का पूरा समर्थन किया है.” पीएम मोदी ने कहा, ”अनिश्चितता के इस दौर में भी, भारत-आसियान व्यापक रणनीतिक साझेदारी ने लगातार प्रगति की है. हमारी मजबूत साझेदारी वैश्विक स्थिरता और वृद्धि के लिए एक शक्तिशाली आधार के रूप में उभर रही है.”
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत हर संकट में ”अपने आसियान मित्रों के साथ मजबूती से खड़ा रहा है” और समुद्री सुरक्षा तथा नीली अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग तेजी से बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि इसके मद्देजनर ”हम 2026 को आसियान-भारत समुद्री सहयोग वर्ष घोषित कर रहे हैं.”
पीएम मोदी ने आगे कहा, ”हम शिक्षा, पर्यटन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, हरित ऊर्जा और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में आपसी सहयोग को भी तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं. हम अपनी साझा सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे.” आसियान को इस क्षेत्र के सबसे प्रभावशाली समूहों में से एक माना जाता है, और भारत, अमेरिका, चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया सहित कई अन्य देश इसके संवाद साझेदार हैं.